अजित पवार एनसीपी विधायक दल नेता पद से हटाए गए, जयंत पाटिल बने नए नेता

शरद पवार से दगा करने की पहली बड़ी सजा भाजपा के साथ जाने वाले अजित पवार को मिली है। एनसीपी ने उन्हें पार्टी विधायक दल के नेता पद से बाहर कर दिया है और जयंत पाटिल एनसीपी विधायक दल के नए नेता बनाये गए हैं। अजित पवार आज सुबह ही महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। अभी तक की ख़बरों के मुताबिक ५४ में से ५१ विधायक शरद पवार के साथ बैठक में शामिल हुए।

देर शाम किये गए फैसले में एनसीपी विधायल दल ने अजित पवार को नेता पद से हटाकर जयंत पाटिल को नया नेता चुन लिया। एनसीपी विधायक दल की बैठक से जाहिर हो गया है कि अजित पवार एनसीपी के बड़े ग्रुप को तोड़ने में बुरी तरह नाकाम रहे हैं। इस कारण चिंतित भाजपा ने अब निर्दलीय जीतकर आये विधायकों पर नजर गड़ा दी है।

शिव सेना-कांग्रेस-एनसीपी पहले ही राज्यपाल के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुँच गए हैं। इस तरह महाराष्ट्र की राजनीति दिलचस्प मोड़ पर पहुँच गयी है। शरद पवार ने एनसीपी पर अपनी पकड़ साबित करते हुए अजित पवार को एक तरह से अकेला कर दिया है, अभी तक के घटनाक्रम से कुछ ऐसा ही दिखता है।

अभी तक यह साफ़ नहीं है कि राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने भाजपा-अजित पवार को कब तक बहुमत साबित करने का समय दिया है क्योंकि राजभवन से इसे लेकर कोइ आधिकारिक जानकारी नहीं दी गयी है। कुछ हलकों में ३० नवंबर की तारीख जरूर बताई गयी है।

सुबह जो शिव सेना-कांग्रेस-एनसीपी खेमा निराश सा दिख रहा था, शाम आते-आते वहां माहौल बदला दिख रहा था। तीनों दलों के नेताओं ने दावा किया है कि उसकी गठबंधन सरकार ही बनेगी।