दरअसल ओपन एक्सेस साइंस जर्नल पलॉस वन की सन् 2021 की स्टडी में पता चला है कि भारतीयों की औसत लम्बाई घट रही है। प्लॉस वन ने साल 1998-99, साल 2005-06 और साल 2015-16 में हुए नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में वयस्क महिलाओं और पुरुषों की औसत ऊँचाई की तुलना की गयी। इस अध्ययन में पाया कि 2005-06 और 2015-16 में सबसे ग़रीब तबक़े के लोगों की औसत लम्बाई सबसे ज़्यादा घटी है। वहीं इस दौरान 15 से 25 वर्ष की उम्र की महिलाओं में भी ज़्यादा ग़रीब महिलाओं की औसत लम्बाई 150.37 सेंटीमीटर से घटकर 149.74 सेंटीमीटर हो गयी थी। लेकिन मध्यम वर्ग की महिलाओं की लम्बाई 0.17 सेमी और अमीर महिलाओं की औसत लम्बाई 0.23 सेमी बढ़ी भी है। लेकिन अगर औसत देखें, तो भारतीयों की लम्बाई लगातार घट रही है।
जनरल फिजिशियन डॉक्टर मनीष कहते हैं कि व्यक्ति के खानपान पर उसका स्वास्थ्य तो निर्भर करता ही है, साथ ही उसका शारीरिक और मानसिक विकास भी निर्भर करता है। किसी व्यक्ति का खानपान जितना शुद्ध होगा, वह उतना ही ज़्यादा स्वस्थ। लेकिन साथ ही डॉक्टर मनीष यह भी कहते हैं कि लेकिन आजकल स्वास्थ्य का मामला केवल खानपान से ही नहीं जुड़ा है, बल्कि खानपान में हो रही मिलावट, जलवायु प्रदूषण और भागदौड़ भरी ज़िन्दगी से जुड़ा है। फिर भी अगर लोग अपना खानपान ठीक कर लें, तो वे काफ़ी हद तक स्वस्थ रह सकते हैं। सभी लोगों को ध्यान यह रखना चाहिए कि शरीर भी एक प्राकृतिक मशीन है, जिसमें जितना कचरा और केमिकल जाएगा, यह मशीन उतनी ही बिगड़ती जाएगी।
वहीं बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर धवल का कहना है कि बच्चों में जितनी बीमारियाँ आजकल देखने को मिल रही हैं, उतनी बीमारियाँ पहले देखने को नहीं मिलती थीं। इसकी वजह हमारी माताओं का उलटा-सीधा खानपान और बच्चों का शुरू से ही फास्ट फूड की ओर मोह पैदा होना है। इसलिए यह ज़िम्मेदारी तो माता-पिता की है कि वे अपने को भी स्वस्थ रखने के लिए घर का बना साफ़, शुद्ध खाना खाएँ और अपने बच्चों को भी बाज़ारू चीज़ें खाने से बचाएँ; ख़ासतौर पर पैक्ड प्रोडक्ट्स और नूडल्स आदि से बच्चों को कोसों दूर रखने की कोशिश करें। अगर बच्चा कुछ ऐसा खाने को मागता है, तो उसे घर में बनाकर भारतीय व्यंजन ही खिलाएँ, ताकि उसका स्वास्थ्य सही रह सके।
महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर परेस कहते हैं कि महिलाओं पर पूरे घर के स्वास्थ्य की ज़िम्मेदारी होती है। यदि वे चाहें तो वे पूरे घर की सेहत सुधार सकती हैं और यदि वे चाहें तो पूरे घर को बीमार कर सकती हैं। लेकिन आजकल देखा जाता है कि महिलाएँ ख़ुद भी फास्ट फूड, ख़ासतौर पर चाइनीज फास्ट फूड ख़ुद भी चाव से खाती हैं और अपने बच्चों को भी खिलाती हैं। ऐसे में उन्हें रोगों से कौन बचा सकता है?