उन्होंने कहा कि, “मेरा इतना सा आग्रह है, कि मैं सब सदस्यों को (सदन में) बोलने का मौका देता हूं… लेकिन कर्इ माननीय सदस्य ट्विटर पर बहुत जल्दी लिख देते हैं कि स्पीकर उन्हें बोलने का मौका नहीं देते.. कम से कम इसका ध्यान रखें कि ट्विटर पर कभी स्पीकर के बारे में न लिखें..अच्छा होगा..”
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने प्रश्नकाल के दौरान अपनी बात कहते हुए किसी का नाम नहीं लिया था, लेकिन यह टिप्पणी उन्होंने उस वक्त की गर्इ जब कुछ ही समय पहले तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की नेता महुआ मोइत्रा ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय से जुड़ा कोई मुद्दा उठाया था।