समाज की वास्तविकता से रुबरु धारा के वृत्तचित्र

सरस्वती पिछले लंबे समय से सामाजिक विषयों पर काम कर रही हैं। उनका कहना है कि दूसरे विषयों के मुकाबले उन्हें किन्नर विषय पर काम करने में बहुत मजा आया। साथ ही उनके बीच रहकर जीवन का एक नया अनुभव हासिल किया। धारा सरस्वती कहती हैं कि आम लोग किन्नर की पीड़ा से परिचित नहीं और उनका मकसद इस वृत चित्र के जरिए इस अंधेरे पक्ष को ही सामने लाना है। वृत चित्र से उन्हें काफी सराहना मिली है।

इस सराहना से उत्साहित धारा सरस्वती कहती हैं कि यह अलग विषय था और वृतचित्र को मिली तारीफ उन्हें प्रेरणा देती है कि वह और लग्न से ऐसे ही विषयों को समाज के सामने लाती रहें। उन्होंने कहा कि किन्नर विषय पर बने उनके वृत चित्र को सराहना मिलने से यह भी जाहिर होता है कि समाज काफी संवेदनशील है और वह कहानी में उकेरी गई पीड़ा का एहसास करता है। उन्होंने कहा कि वृत चित्र देखने के बाद बहुत से लोगों ने उन्हें बताया कि किन्नर वर्ग के प्रति उनकी धारणा बदली है और वे अब उन्हें नए नज़रिए से देखते हैं इसी समाज के एक अंग के रूप में।

अवाडर्: वूमन अचीवर अवार्ड के आलावा धारा को प्रसार भारती का ‘आउट स्टैंडिंग कमर्शियल रेवेन्यू अचीवर अवार्ड’ और दिल्ली की ”प्रकृतिÓÓ संस्था का अवार्ड भी मिल चुका है। इसके आलावा अन्य अवार्ड भी उन्हें मिले हैं। धारा कहती हैं कि अवार्ड प्रोत्साहित करते हैं क्योंकि इस से यह पता चलता है आपके काम को लोग सराह रहे हैं।

फिल्म में भी किया काम

धारा सरस्वती अजय देवगन-सुष्मिता सेन अभिनीत फिल्म ‘मैं ऐसा हफ हूंÓ में अभिनय कर चुकी हैं। इस फिल्म (2005) में उन्होंने अजय देवगन की बेटी की टीचर का रोल निभाया था, जिसमें उन्हें काफी प्रशंसा भी मिली। इस फिल्म की कहानी देवगन की बेटी के इर्द-गिर्द ही घूमती है। उन्होंने कुछ विज्ञापन फिल्मों में भी काम किया है। धारा बताती हैं कि फिल्म में काम करने का उनका अनुभव अच्छा रहा। उन्हें कैंसर से पीडि़त रहीं मीनाक्षी चौधरी की जीवटता पर बनाए वृतचित्र पर भी काफी प्रशंसा मिली थी। उन्होंने 109 साल के बुजुर्ग की ओपन हार्ट सर्जरी पर बनाए वृत चित्र पर भी खूब नाम कमाया। इसके अलावा धारा हिमाचल की महिलाओं के जीवन पर वृत्तचित्र बनाकर भी खूब नाम कमा चुकी हैं। ”वूमन इन एग्रीकल्चर”, ”हाइड्रोपोनिक पॉलीहाउस”,” हौसलों की उड़ान” और ”दिले नादान तुझे हुआ क्या है” उनके अन्य चर्चित वृत्तचित्र हैं।