संसद के इतिहास में पहली बार राज्यसभा में सदस्यों की पिटाई और धक्का-मुक्की : राहुल गांधी

पेगासस जाजूसी कांड से लेकर कृषि कानूनों के खिलाफ राहुल गांधी की अगुवाई में गुरुवार को विपक्षी सांसदों ने राजधानी दिल्ली की सड़कों पर जमकर प्रदर्शन किया। इन कई मसलों पर मोदी सरकार को घेरने और दबाव बनाने के लिए राहुल गांधी के साथी करीब 15 विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद भवन से विजय चौक तक मार्च किया। इस मौके पर राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि पहली बार संसद के इतिहास में राज्यसभा में सदस्यों की पिटाई की गई और विपक्षी सांसदों के साथ धक्का-मुक्की की गई।

गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। राहुल ने आरोप लगाया कि विपक्ष पेगासस जासूसी कांड, किसानों की समस्यायें और कई अन्य मुद्दों पर चर्चा कराना चाहता था लेकिन सरकार ने यह नहीं होने दिया। उन्होंने कहा – ‘संसद का सत्र समाप्त हो गया है। देश की 60 फीसदी आवाज को कुचला गया, अपमानित किया गया, राज्यसभा में सांसदों को पीटा गया। आज हमें आपसे (मीडिया) बात करने के लिए यहां आना पड़ा क्योंकि हमें (विपक्ष) संसद में बोलने की अनुमति नहीं दी गई। यह लोकतंत्र की हत्या है।

याद रहे संसद से विजय चौक तक इस मार्च में बैनर और तख्ती लिए राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकाजुर्न खड़गे, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार झा, शिवसेना के संजय राउत और अन्य नेता शामिल हुए। मार्च के बाद राहुल गांधी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा – ‘पहली बार राज्यसभा में सांसदों की पिटाई की गई। बाहर से लोगों को बुलाया गया और सांसदों के साथ धक्का-मुक्की और मारपीट की गई। चेयरमैन ने भी पक्षपात किया। चेयरमैन की जिम्मेदारी हाउस को चलाने की है तो फिर उन्होंने और स्पीकर ने सदन को क्यों नहीं चलाया। विपक्ष की बात सदन में क्यों नहीं रख सकते।’

इस मौके पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा – ‘संसद सत्र के दौरान विपक्षी दल के नेता जनता की हित की बात कहना चाहते थे। यह संसद सत्र नहीं था, बल्कि इस दौरान सरकार ने लोकतंत्र की हत्या की है। मार्शल की पोशाक में कल कुछ निजी लोगों ने राज्यसभा में महिला सांसदों पर हमले किये। उन्हें ऐसा लगा जैसे ‘मार्शल लॉ  लगा हो’।

डीएमके के तिरुचि शिवा ने कहा – ‘मैंने दो दशक के अपने संसदीय जीवन में मानसून सत्र की ऐसी घटनाओं को नहीं देखा था। विपक्ष जनरल बीमा विधेयक पर विस्तार से चर्चा चाहता था और उसे प्रवर समिति में विस्तृत समीक्षा के लिए भेजा जाना चाहिये था, लेकिन इसे अव्यवस्था के बीच ही पारित करा दिया गया’।
एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल ने कहा – ‘यह मानसून सत्र शर्मनाक सत्र था। हमारे नेता शरद पवार ने अपने संसदीय जीवन में ऐसी शर्मनाक घटनायें नहीं देखी थी। लोकतंत्र में विपक्ष का बहुत महत्व है लेकिन सदन संचालन में सरकार ने सहयोग नहीं किया। उन्होंने कहा कि कल की घटनाओं से पवार बेहद दुखी हैं।’

राजद सांसद मनोज कुमार झा ने कहा – ‘मानसून सत्र के दौरान सरकार ने लोकतंत्र की हत्या की है’। एक अन्य सांसद ने कहा कि भाजपा ने लोकतंत्र की हत्या कर दी है। उनकी पार्टी विपक्ष के साथ है। यह देश 135 करोड़ लोगों का है।

राज्यसभा में कल हुए हंगामे को लेकर आज विपक्षी दलों के सांसदों ने संसद से विजय चौक तक पैदल मार्च किया। मार्च में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए।