शादी के लिए धर्मांतरण

रिपोर्टर : 10,000, …15,000?

मुक़ीम : कुछ नहीं। जो भी आप चाहते हैं।

 

इसके बाद हम मौलाना अल्ताफ़-उर-रहमान से मिलते हैं, जो उत्तर प्रदेश के दूसरे शहर में मस्जिद और मदरसा चलाते हैं। वह कहते हैं- ‘मेरा मुख्य काम धर्मांतरण है। मैं लोगों को इस्लाम में परिवर्तित करता हूँ। इसी काम से मेरी रोज़ी-रोटी चलती है और मदरसा भी चलता है। उत्तर प्रदेश में लव-जिहाद क़ानून के कारण मैंने अपना धर्मांतरण कार्य फ़िलहाल के लिए स्थगित कर दिया है। मैंने प्रत्येक धर्मांतरण और निकाह से 35 से 40 हज़ार रुपये कमाये। मैं धर्मांतरण और निकाह के लिए पूरे भारत में घूम रहा हूँ। मैं न केवल हिन्दुओं का इस्लाम में धर्मांतरण कर रहा हूँ, बल्कि ईसाइयों और यहूदियों को भी इस्लाम में परिवर्तित कर रहा हूँ। हाल ही में मैंने बेंगलूरु में ईसाई को इस्लाम में परिवर्तित किया। इसके ज़रिये मैंने एक लाख रुपये कमाये। अब तक मैंने 300 धर्मांतरण किये हैं।

दरअसल हमने मुक़ीम से मिलने के बाद उसी काल्पनिक सौदे के साथ रहमान से सम्पर्क किया कि हमारे मुस्लिम भतीजे को एक हिन्दू लडक़ी से प्यार हो गया है और वह उससे शादी करना चाहता है। और इसके लिए हमें उनकी सलाह की ज़रूरत है। मौलाना अल्ताफ़-उर-रहमान ने खुले तौर पर क़ुबूल किया कि वह पूरे भारत में धर्मांतरण करता है, और अंतर्धार्मिक जोड़ों का निकाह भी करता है। हमारे केस के लिए उन्होंने कहा कि लव-जिहाद क़ानून के चलते उनके वकील ने उन्हें धर्मांतरण और निकाह सर्टिफिकेट के रूप में कोई सुबूत नहीं देने की सलाह दी है। उन्होंने यह भी कहा कि हिन्दू लडक़ी को इस्लाम में परिवर्तित किये बिना निकाह सम्भव नहीं है।

अल्ताफ़ : दूसरे मज़हब में निकाह नहीं होता है। इसलिए हम सबसे पहले दूसरे मज़हब वालों को इस्लाम मज़हब में लाने का सिस्टम है एक। एप्लिकेशन लगाना। कलमा पढ़ाना।

रिपोर्टर : क्या करा करके?

अल्ताफ़ : कलमा पड़ते हैं। समझौता बिना किसी की बुराई के। उसके बाद हम उसे देते हैं सर्टिफिकेट।

रिपोर्टर : धर्मांतरण का?

अल्ताफ़ : हाँ, धर्मांतरण का।

रिपोर्टर : निकाह भी करवा देते हैं?

अल्ताफ़ : निकाह भी करवा देते हैं। कोर्ट में भी करवा देते हैं। तीनों काम करवा देते हैं।

रिपोर्टर : तो यह अभी तक करवा रहे थे?

अल्ताफ़ : अभी तक करवा रहा था मैं। क्योंकि यह क़ानून निकल गया है। क़ानून तक जाने से पहले हमारे साथ कोई बदतमीज़ी हो जाए। है-हुल्लड़ मच जाए। उस बात के लिए हमें वकील साहब ने मना कर दिया है। अब निकाह भी पढ़ते हैं, तो बस बिना काग़ज़ के।

 

अब अल्ताफ़ ने ‘तहलका’ को बताया कि इस्लाम क़ुबूल कर मुस्लिम लडक़े से शादी करने के बाद अगर लडक़ी इस्लाम से नफ़रत करने लगे, तो उसकी सज़ा मौत है। उसका सिर क़लम कर देना चाहिए।

अल्ताफ़ : इस्लाम क़ुबूल करने के बाद अगर नफ़रत के साथ कह दे, ये दीन मुझे पसन्द नहीं है; तो उसकी सज़ा है- गर्दन उड़ा दी जाए।

रिपोर्टर : कौन काटेगा गर्दन?

अल्ताफ़ : इस्लामी, इस्लामी या उसकी अदालत।

रिपोर्टर : शौहर?

अल्ताफ़ : शौहर नहीं। अगर शौहर करेगा, तो मुल्ज़िम हो जाएगा न वो तो। हिन्दुस्तान के क़ानून से भी और शरीयत से भी। सज़ा-ए-मौत जो है, वो देने का अख़्तरियार वो क़ाज़ी को है।

रिपोर्टर : आप भी तो क़ाज़ी हैं?

अल्ताफ़ : नहीं, …मैं तो रजिस्टर्ड हूँ ना! यहाँ देखिए, हम इस्लामिक मुल्क में नहीं हैं। अगर हम इस्लामिक मुल्क में होते, तो हमारा फ़ैसला चलता।

 

अल्ताफ़ एक हिन्दू लडक़ी की काउंसलिंग करने के लिए तैयार हो गया, ताकि वह मुस्लिम लडक़े से शादी करने से पहले इस्लाम क़ुबूल कर ले। इस उदाहरण में भी हमारा (‘तहलका’ रिपोर्टर का) एक काल्पनिक भतीजा एक हिन्दू लडक़ी से शादी करना चाहता है; ऐसा ही कहा गया। अल्ताफ़ ने कहा कि वह लडक़ी के लिए कुछ तावीज़ का इस्तेमाल करेगा, ताकि वह इस्लाम धर्म को पसन्द करने लगे और अपनी मर्ज़ी से इस्लाम क़ुबूल करे।

रिपोर्टर : हाँ, तो उस लडक़ी को मैं आपके पास पहले भेज देता हूँ। ऐसा हो जाए कि पूरी तरीक़ै से इस्लाम में आ जाए। आप जहाँ ऐसा कर दें।

अल्ताफ़ : बात करते हैं।

रिपोर्टर : हो जाएगा सर! जहाँ ऐसा?

अल्ताफ़ : मुझे पूरी उम्मीद है अल्लाह पर। कुछ पढक़र भी खिला देंगे, मीठे में। पर उस में लडक़ी को लडक़ी की माँ का नाम याद होना ज़रूरी है। चारों का नाम रहेगा न, तो कुछ रूहों का भी असर रहता है। हम सबके साथ करते हैं। बड़े-बड़े तिलकधारी आते हैं मेरे पास।

अल्ताफ़ ने उत्तर प्रदेश के लव जिहाद क़ानून को चुनौती दी और ‘तहलका’ रिपोर्टर से कहा कि आप (सरकार) कितने भी क़ानून बना लो, कोई काम नहीं रुकेगा।

रिपोर्टर : यह जो लव जिहाद क़ानून बन गया उत्तर प्रदेश में, तो अब इसकी वजह से आगे भी नहीं हो पाएगा?

अल्ताफ़ : काम सारे होने हैं। काम सारे होने हैं; चाहे कितने ही क़ानून बना दो।

 

अल्ताफ़ ने कहा कि लव जिहाद क़ानून के कारण वह हमें हमारे भतीजे की अंतर्धार्मिक शादी के पिछली तारीख़ के काग़ज़ात दे देंगे।

अल्ताफ़ : इस वक़्त जो है, लोहा गरम है। लोहा जब गरम हो, चोट का असर जल्दी होता है। जब लोहा ठंडा हो जाता है न, तो चोट का असर उतना नहीं होता। इस वक़्त उसे टालने में फ़ायदा है। बाक़ी मैं काम कर दूँगा आपका। जितना बैक डेट में हम आपको काग़ज़ देंगे, उतना आप कोर्ट में इस्तेमाल करेंगे। उतना आपको फ़ायदा रहेगा।

रिपोर्टर : अच्छा, तो बैक डेट के काग़ज़ मिल जाएँगे?

अल्ताफ़ : हाँ।

रिपोर्टर : धर्मांतरण और निकाह दोनों का?

अल्ताफ़ : हाँ, धर्मांतरण और निकाह दोनों का।

 

अल्ताफ़ ने क़ुबूल किया कि धर्मांतरण कराना और निकाह कराना उसके व्यवसाय के मुख्य भाग हैं, जिसके माध्यम से वह अपने परिवार का पालन-पोषण करता रहा है और अपना मदरसा भी चलाता रहा है। उसने स्वीकार किया कि वह अब तक भारत में 300 लोगों का धर्मांतरण करा चुका है।

अल्ताफ़ : बहरहाल मैं कन्वर्जन (धर्मांतरण) भी कराता हूँ। मैं निकाह भी पढ़ता हूँ। घर-घर तक हिन्दुस्तान के हर सूबे में जाता हूँ।

रिपोर्टर : तो आप कन्वर्जन हिन्दू लडक़ों का भी करते हैं या लड़कियों का ही?

अल्ताफ़ : सबका करते हैं।

रिपोर्टर : जो भी आ जाए?

अल्ताफ़ : जो भी आता है, चाहे इसाई हो, यहूदी हो, ईरानी हो। अभी मैंने एक ईसाई का किया है, बेंगलूरु में। उसने कम-से-कम मेरे ऊपर एक लाख रुपये ख़र्च किया है।

रिपोर्टर : तो अपने कितने धर्मांतरण करवा दिये होंगे अभी तक?

अल्ताफ़ : 300 से ज़्यादा।

 

अल्ताफ़ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में उस लव जिहाद क़ानून के कारण उन्होंने लोगों को धर्म बदलने के अपने काम को अस्थायी रूप से बन्द कर दिया है।

रिपोर्टर : तो कन्वर्जन किस टाइप (तरह) का कराते हैं?

अल्ताफ़ : मुसलमान बनाता हूँ।

रिपोर्टर : अच्छा! हिन्दू से?

अल्ताफ़ : अभी लव-जिहाद का चक्कर चल रहा है अभी, इसलिए थोड़ा-सा रुक गया हूँ अभी। मेरा काम वही है। उसी से मैं अपना घर भी चलाता हूँ; मदरसा भी।

 

यह बात भी सामने आयी कि अल्ताफ़ को अपने मदरसे के लिए दक्षिण अफ्रीका और दुबई से काला धन लेने में कोई दिक़्क़त नहीं है।

रिपोर्टर : मेरी एक बात समझ लीजिए। वो बैंक के थ्रू (ज़रिये) नहीं देना चाह रहा है।

अल्ताफ़ : कोई बात नहीं।

रिपोर्टर : उनका वो लीगल मनी (वैध मुद्रा) नहीं है।

अल्ताफ़ : ठीक है।

रिपोर्टर : जैसे वो ब्लैक मनी होता है न! उस टाइप का है। तो वो बैंक के थ्रू देना नहीं चाह रहे हैं। वो देना इंडिया में, रहते वो साउथ अफ्रीका में हैं।

अल्ताफ़ : इंडिया में देना चाह रहे हैं न?

रिपोर्टर : और एक दुबई में, तो उस पैसे को आप विदेशी मुल्क से हिन्दुस्तान मैं कैसे लाओगे?

अल्ताफ़ : हम जाकर आएँगे न! हम कोई रास्ता निकालेंगे।

रिपोर्टर : आप ऐसे कोई पैसा थोड़े ही लाएँगे; हवाई जहाज़ में। पकड़े जाओगे कस्टम में पकड़े जाओगे।

अल्ताफ़ : कितना पैसा देंगे?

रिपोर्टर : इंडिया के हिसाब से होगा 10-20 लाख रुपये।

अल्ताफ़ : कुछ नहीं होता, 10-20 लाख रुपये। आप क्या समझ रहे हो? करोड़ रुपये भी देगा, तो हम लेकर आएँगे।

रिपोर्टर : तो आप कैसे लाओगे, तरीक़ै तो बता दो?

अल्ताफ़ : उसका तरीक़ा तो साथ-की-साथ बताएगा। …जो हमारे आदमी हैं, वो उनसे मशविरा लेंगे। …देखिए बिजनेस है उनका। इमरान है थाईलैंड में, उसका वो लडक़ी लेकर आया निकाह पढ़ा मैंने। वो पूरी दुनिया में जाता है, बिजनेस करने जींस-पैंट्स का। वो ऐसा ताना-बाना बुनेगा। अपना बिजनेस दिखाकर लेकर आएगा।

धर्मांतरण पर ‘तहलका’ के सच की जाँच पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रसिद्ध इस्लामी विद्वान डॉ. मौलाना मक़सूद-उल-हसन क़ासमी ने इस्लाम में शादी के लिए धर्मांतरण को अवैध बताया। उनके अनुसार, इस्लाम शादी के लिए धर्मांतरण का समर्थन नहीं करता है। उन्होंने कहा कि अगर कोई अपनी मर्ज़ी से बिना किसी जबरदस्ती के अपनी शादी से पहले इस्लाम में परिवर्तित हो गया है, तो यह इस्लाम में क़ानूनी है। लेकिन अगर कोई सिर्फ़ शादी के लिए धर्मांतरित हो रहा है और वह भी शादी से कुछ दिन पहले, तो ऐसा कृत्य ग़ैर-इस्लामी और देश के क़ानून के ख़िलाफ़ है। ‘तहलका’ की जाँच के दौरान मुक़ीम और अल्ताफ़ ने जो कहा, उस पर प्रतिक्रिया देते हुए मौलाना मक़सूद ने कहा- ‘ऐसे लोग पागल होते हैं। उन्हें इस्लाम का कोई ज्ञान नहीं है। और ये ख़ुद को मौलवी कहते हैं।’

एक अन्य प्रसिद्ध इस्लामिक विद्वान ख़ालिद सलीम ने ‘तहलका’ के ख़ुलासे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा- ‘ऐसे लोग, जो इस्लाम में धर्मांतरण से इनकार करने वाली महिलाओं को मारने की बात करते हैं और इस्लाम को नापसन्द करने पर उनके सिर को काटने की बात करते हैं, तो उन्हें तुरन्त जेल भेज देना चाहिए। वे न केवल ग़ैर-इस्लामी हैं, बल्कि देश-विरोधी भी हैं। इस्लाम शान्ति का धर्म है। यह किसी भी रूप में हिंसा का समर्थन नहीं करता है।