वायु प्रदूषण: स्वास्थ्य के साथ आर्थिक सेहत पर असर

प्रो. खन्ना का मानना है कि दिल्ली सरकार कुछ हद तक दिल्ली से वायु प्रदूषण को कम करने के लिये वाहनों पर आँड-ईवन रूल लागू करती थी। लेकिन इस साल ऐसा क्या हो गया है कि आँड-ईवन को लागू नहीं किया गया है। जबकि वायु प्रदूषण को बढ़ाने में वाहनों की अहम् भूमिका होती है।

आर्थिक सेहत पर असर पड़ने का एक कारण ये भी है कि जब दिल्ली की फिजाओं में जहरीला धुंआ शामिल होता है। तो गांव-कस्बों के लोग दिल्ली में आने से बचते है और तो और दिल्ली के कई बड़े व्यापारी घरों से निकलने से बचते है । उनका कहना है कि सरकार तो देखने और दिखाने के तौर पर फैक्ट्रियों को बंद करवाती है।

जिससे फैक्ट्री मालिकों के धंधे प्रभावित होते है। उनको बंद फैक्ट्री के चलते हर रोज नुकसान होता है। जबकि सरकार को समस्या का समाधान पता है। फिर भी समाधान नहीं किया जाता है। जिसके चलते लोगों के स्वास्थ्य पर आर्थिक सेहत पर गहरा असर पड़ रहा है। प्रो.खन्ना का कहना है कि वायु प्रदूषण को रोकने में शासन ही नहीं प्रशासन की उदासीनता भी जिम्मेदार है।