लखीमपुर खीरी हिंसा मामला: सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा को 8 हफ्ते की दी अंतरिम जमानत

सर्वोच्च अदालत पर अपलोड जानकारी के मुताबिक न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी की पीठ इस अहम मामले में आदेश सुनाएगी। याद रहे सर्वोच्च अदालत की पीठ ने 19 जनवरी को आशीष की अर्जी पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

आपको बता दें, यह घटना तिकुनिया की है जहाँ 3 अक्टूबर, 2021 को आठ लोगों की मौत होने के बाद हिंसा भड़क गयी थी। मंत्री के बेटे पर आरोप है कि किसानों की मौत उसकी गाड़ी से कुचलने के कारण हुई थी। घटना के समय किसान उत्तर प्रदेश के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इलाके में दौरे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।

इसे लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस में एफआईआर दर्ज हुई थी जिसके मुताबिक एक एसयूवी ने चार किसानों को कुचल दिया, जिसमें आशीष मिश्रा बैठा था। घटना के बाद, एसयूवी के चालक और दो भाजपा कार्यकर्ताओं को कथित रूप से गुस्साए किसानों ने पीट-पीट कर मार डाला था। हिंसा में एक पत्रकार की भी जान चली गयी थी।

इस मामले में आशीष मिश्रा के अलावा 12 अन्य आरोपियों में अंकित दास, नंदन सिंह बिष्ट, लतीफ काले, सत्यम उर्फ सत्य प्रकाश त्रिपाठी, शेखर भारती, सुमित जायसवाल, आशीष पांडे, लवकुश राणा, शिशु पाल, उल्लास कुमार उर्फ मोहित त्रिवेदी, रिंकू राणा और धर्मेंद्र बंजारा शामिल हैं। सभी 13 आरोपी अभी जेल में हैं और इन सभी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की दंगा से संबंधित धारा 147 और 148, 149 (गैरकानूनी विधानसभा), 302 (हत्या) और 307 (हत्या का प्रयास) समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

याद रहे 26 जुलाई, 2022 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने पिछले साल 26 जुलाई को आशीष मिश्रा की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद आशीष मिश्रा ने वकील के जरिये उच्च न्यायालय के आदेश को सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी थी। उच्चतम न्यायालय ने 19 जनवरी को सुनवाई के दौरान कहा था कि एक आरोपी को अनिश्चित काल के लिए कारावास में नहीं रखा जाना चाहिए, जब तक कि अपराध साबित न हुआ हो। साथ ही शीर्ष अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था।