रोजगार के नाम पर रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर संक्रिमत पानी और खाने की सप्लाई ज़ोरों पर

राजधानी दिल्ली के रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों में कोरोना काल में भी संक्रमित खाने –पीने के सामानों की बिक्री जोरों पर चल रही है। जानकारों ने तहलका संवाददाता को बताया कि मौजूदा वक्त में देश में संक्रमित बीमारी कोरोना का कहर फिर से ऊफान पर है। जागरूक लोग डर रहे है।

वहीं शासन-प्रशासन की अनदेखी के कारण बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों पर खाने –पीने के सामानों की बिक्री धड़ल्लें से चल रही है। बतातें चलें थैलियों में पानी , जो या तो हैण्ड पम्म का होता है या जेट का होता है। वो भी पाँलीथीनों में धांगों से बांधकर सस्ते दामों में बेचा जा रहा है।इसी प्रकार खाना का सामान जो घरों से बनकर आता है। और रेलवे स्टेशनों के अंदर और बाहर बेंचा जा रहा है। इसी तरह बस अड्डों और बसों के अंदर यहीं सामान बेंचा जा रहा है।

जानकार धीरेन्द्र सिंह सहोता ने बताया कि जब से कोरोना आया है। तब से लोग बेरोजगारी के नाम पर रोजगार के पाने के लिये कोई भी धंधा कर रहे है। ऐसे में दूर दराज इलाकों से आये लोग मजबूरी में और सस्ते के चक्कर में खाने –पीने का सामान खरीद रहे है। जो अपने आप में संक्रमित बीमारी को बढ़ावा दे रहे है।क्योंकि इसमें ना तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है और ना सेनेटाईज का प्रयोग हो रहा है।

जो बीमारी का बड़ा कारण बन सकता है। बस आनंद बिहार बस अड्डे पर काम करने वाले प्रकाश धौलिया ने बताया कि कोरोना काल में यहां पर एक प्रकार का माफिया राज सा देखा जा रहा है।जो अपने तरीके से धंधे कर रहा है। इनका नेटवर्क दिल्ली के अन्य बस अड्डों और सार्वजनिक स्थानों में देखा जा रहा है। जो कोरोना जैसी बीमारी के बढ़ने का एक प्रमुख कारण हो सकता है।