उन्हें संगीत में योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। उनका जन्म 1938 में जम्मू में हुआ था। वह पहले संगीतकार थे जिन्होंने संतूर पर भारतीय शास्त्रीय संगीत के सुर बिखेरे। संतूर जम्मू कश्मीर का एक लोक वाद्य यंत्र है।
बांसुरी वादक पंडित हरि प्रसाद चौरसिया के साथ शर्मा की जोड़ी को ‘शिव-हरि’ का नाम दिया गया था। इस जोड़ी ने सिलसिला, लम्हे और चांदनी जैसी कई फिल्मों में संगीत दिया जिसे लोगों ने बेहद पसंद किया। शिवकुमार के बेटे राहुल शर्मा भी एक संतूर वादक हैं।
प्रख्यात सरोद वादक अमजद अली खान ने ट्वीट में कहा – ‘पंडित शिव कुमार शर्मा जी के निधन से एक युग का अंत हो गया। वह संतूर वादन के पुरोधा थे और उनका योगदान अतुलनीय है। मेरे लिए यह व्यक्तिगत क्षति है और मैं हमेशा उन्हें बहुत याद करूंगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे। उनका संगीत हमेशा जीवित रहेगा। ओम शांति।’