कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के अलावा ममता ने अपनी चिट्ठी एनसीपी नेता शरद पवार, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे, यूपी के नेता अखिलेश यादव, बिहार के नेता तेजस्वी यादव के अलावा तमिलनाड के डीएमके नेता स्टालिन, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, सीएम जगनमोहन रेड्डी, और सीएम हेमंत सोरेन को भी भेजी है।
‘तहलका’ की जानकरी के मुताबिक इस चिट्ठी में ममता ने केंद्र सरकार और भाजपा पर संविधान की धज्जियाँ उड़ाने जैसा गंभीर आरोप लगाया है। सीएम ममता ने आरोप लगाया कि राज्यपाल भाजपा के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं। ऐसे में लोकतंत्र बचाने के लिए विपक्ष को एकजुट होना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने मोदी सरकार पर राज्य का फंड रोकने का भी आरोप लगाया है। ममता ने यह भी आरोप लगाया है कि देश के प्रधानमंत्री का व्यवहार निरंकुश है।