मजाक : विदेशी टीकों को मंजूरी नहीं, राज्य जारी कर रहे वैश्विक निविदा

अमेरिका ने पिछले साल दिसंबर में फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन कंपनियों के टीके को मंजूरी दी थी। इनमें से किसी को भी अभी तक केंद्र ने मंजूरी नहीं दी है। इसके बरअक्स अन्य देशों ने न केवल स्वीकृति दी है, बल्कि उनका उपयोग भी कर रहे हैं। भारत में क्या मजबूरी है? हम दो कंपनियों पर निर्भर हैं और यहां तक कि वे खुराक का निर्यात भी कर रही हैं। रूस ने अगस्त 2020 में स्पुतनिक वी को मंजूरी दी और दिसंबर में टीकाकरण शुरू किया। हमने 2020 में मंजूरी देने से इनकार कर दिया और आखिरकार गत अप्रैल में इसे मंजूरी दी गई। 68 देश स्पुतनिक वी के टीके का उपयोग कर रहे हैं।

इंग्लैंड ने गत दिसंबर में फाइजर कंपनी के टीके को मंजूरी दी थी, हम अभी इस पर फैसला ही नहीं कर सके हैं। 85 देशों ने फाइजर के टीके को इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है, 46 देश मॉडर्ना के कोरोना टीके को मंजूरी देकर इस्तेमाल कर रहे हैं, जबकि 41 देशों ने जॉनसन एंड जॉनसन के टीके को आपात इस्तेमाल के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। हम अभी तक फैसला ही नहीं कर सके हैं। यह लोगों के साथ आखिर किस तरह का मजाक है? केंद्र सरकार कह रही है कि राज्य वैश्विक स्तर पर टीके खरीदें, लेकिन उन टीकों को देश में इस्तेमाल करने की अब तक मंजूरी ही प्रदान नहीं की गई है।