मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत पंडित जवाहर लाल नेहरू पर भी हमला किया। पीएम ने कहा – ‘तबके प्रधानमंत्री (नेहरू) को दुनिया में अपनी छवि बिगड़ने का खतरा था, इसलिए उन्होंने गोवा को 15 साल तक गुलामी में धकेले रखा। नेहरू ने सत्याग्रहियों को मदद देने से इनकार कर दिया था। पंडित नेहरू ने तब कहा था, कोई धोखे में न रहे कि हम वहा फौजी कार्रवाई करेंगे। कोई फौज गोवा के आसपास नहीं है। अंदर के लोग चाहते हैं कि हम वहां फौज भेजें लेकिन हम वहां फौज नहीं भेजेंगे। जो लोग वहां जा रहे हैं, उनको वहां जाना मुबारक हो।’
उधर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पीएम मोदी के जवाब का राज्यसभा में बहिष्कार किया। सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा – ‘हम प्रधानमंत्री से अपेक्षा कर रहे थे कि वे महंगाई, बेरोजगारी, किसानों का संकट और सीमा पर चीनी घुसपैठ को लेकर प्रधानमंत्री हमारे सवालों का जवाब देंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके बजाय वह कैसे कांग्रेस को खत्म करना चाहिए या नाम बदल लेना चाहिए, जैसी बातों पर केंद्रित रहे। क्या यह मुद्दा था? यह लोग आरएसएस के एजेंट है जो सरकार चला रहे हैं।’
खड़गे ने कहा – ‘कांग्रेस ने देश को आजादी दिलाई। देश के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शहादत दी तभी देश में लोकतंत्र स्थापित हुआ। देश में नया संविधान बना और प्रधानमंत्री कहते हैं कि कांग्रेस ने क्या किया?’