बता दें लाहौर में कृष्ण मंदिर के वाल्मीकि मंदिर ही खुला रहता है, जहां हिन्दू पूजा-पाठ कर सकते हैं। मंदिर पर कब्ज़ा करने वाले ईसाई परिवार का दावा था कि उसने हिंदू धर्म अपना लिया है। वह पिछले दो दशक से केवल वाल्मीकि जाति के हिंदुओं को मंदिर में पूजा करने दे रहा था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 1992 में भारत में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद, हथियारों से लैस एक गुस्साई भीड़ ने वाल्मीकि मंदिर पर धावा बोल दिया था। मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया और इमारत में आग लगा दी गई थी। पड़ोस की दुकानों में भी आग लग गई। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के गठित एक सदस्यीय आयोग ने सरकार को सिफारिश की थी कि मंदिर का जीर्णोद्धार किया जाना चाहिए।