पटना में बम विस्फोट हुए, उस पर क्या कहिएगा?
उस पर हम क्या कहें. घटना निंदनीय है. केंद्र सरकार के एजेंसी जांच कर रही है. जो हुआ, वह गलत हुआ. आजादी के रैली में विस्फोट आज तक देश में कहीं नहीं हुआ था, देश का दुनिया में भी ऐसा कहीं नहीं होता लेकिन बिहार में हुआ. पूरा देश के लोग, पूरा बिहार के लोग सहमा हुआ है. राज्य सरकार की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुली. पूरी तरह राज्य सरकार की विफलता है.
भाजपा सरकार से इस्तीफा मांग रही है. लगातार हो रही घटनाओं के बहाने राष्ट्रपति शासन की मांग भी की जा रही है. आपकी पार्टी भी क्या इस मांग के समर्थन में है?
नहीं, हम इस्तीफा नहीं मांग रहे हैं, ना राष्ट्रपति शासन की मांग कर रहे हैं. हम तो यही मांग कर रहे हैं कि सरकार ईमानदारी से काम तो करे. काम करने के लिए ही सरकार बैठी है, स्थिति नियंत्रण में करे. हम सरकार से इस्तीफा नहीं मांगेंगे, जनता सब देख रही है.
नरेंद्र मोदी की रैली का बहुत शोर था. कुछ लोग कह रहे हैं कि बिहार में सब रैली का रिकॉर्ड टूट गया है.
मीडियावाले ही कह रहे हैं कि रैली बहुत सफल रहा. लालू जी की रैली से तुलना कर रहे हैं. लालू जी के रैली में जितना गरीब-गुरबा और गांव-देहात से लोग जुटता है, उतना कउनो पार्टी के रैली में कब्बो नहीं जुट सकेगा. हां, ई बात है कि नीतीश कुमार के अधिकार रैली से थोड़ा ज्यादा भीड़ था इसमें.
नरेंद्र मोदी ने कल लालू जी की तारीफ भी की है और कहा है कि जब लालू जी का एक्सीडेंट हुआ था तो उन्होंने प्रेम से हालचाल लिया था.
कर्टसी में कोई भी पूछ सकता है. दुश्मन से दुश्मन आदमी भी पूछता है. गांव में कहावत है कि दरवाजा पर दुश्मन भी आए तो उसको भी पीढ़ा देके बिठाया जाता है. एक बार तारीफ किए आउर फिर तुरंत जंगलराज बोलने लगे तो सब तारिफ के भैलुए खतम हो गया. बार-बार जंगलराज हमहीं लोग के शासन को न कह रहे थे. जंगलराज हमरा 15 साल के शासन में था कि नीतीश के आठ साल के शासन में है? सबको समझ में आ गया है अब.
नरेंद्र मोदी ने तो बिहार के यादवों को यदुवंशी बताकर द्वारका से रिश्ता जोड़कर उनकी चिंता करने की बात कही. बिहार के मुसलमानों पर भी पासा फेंका. यह तो आपके आधार वोट में ही सेंधमारी की कोशिश हुई न!
यदुवंशी के इयाद आ रहा है और आज उनकी चिंता करने आए हैं. तब कहां थे जब गुजरात में कांड हो रहा था. यदुवंशी हमरा साथे है, हमरा साथे रहेगा. पहिले से भी जादा मजबूती से. थोड़ा-बहुत बिखराव भी था तो अब तो एकजुट हो गया है. रही बात माइनोरिटी के तो सबको समझ में आ रहा है. इतना बुड़बक नहीं है माइनोरिटी लोग. गुजरात में दंगा कौन करवाया, ई जानता है लोग आउर दंगा के बाद रेल मंत्री ना वहां देखने गये थे, न कुछ बोले थे, न इस्तीफा दिए थे, ई सब जानता है लोग. उनके कुछ कहने से कुछो नहीं होता है. माइनोरिटी, यदुवंशी, सब गरीब-गुरबा लालूजी के साथ हमेशा रहा है, रहेगा.
नरेंद्र मोदी की आंधी का क्या हाल होगा?
नरेंद्र मोदी के आंधी मीडिया में है. मीडियेवाला लोग आंधी बता रहा है.
आप मीडिया से नाराज दिख रही हैं. क्या बिहार में मीडिया पक्षपात कर रहा है?
पक्षपात का करेगा, मीडिया तो यहां सरकारे चलाने में लगा हुआ है. मीडिया सरकार चला रहा है. हमारे समय में एक भी कुछ होता था तो 20-20 दिन तक उसको लाल किया जाता था. (अखबारों में घोटाले की खबर का शीर्षक लाल रंग में होने के चलन की तरफ संकेत) लाल-लाल रंगा रहता था. अब नीतीश के राज में उ ललका सियाहिये सुखा गया है मीडिया का. कुछ हो जाये, ललका सियाही का रंग कभियो दिखता है?
जगन्नाथ मिश्र को जमानत मिल गई. लालू जी को अब तक नहीं मिली.
बहुत को मिला है. अलग-अलग कारण रहे हैं सबके. हम लोगों को न्यायालय पर पूरा भरोसा है. न्याय मिलेगा, हम लोगों को विश्वास है.