निर्भया केस के दोषियों को फांसी ही दी जाएगी: न्यायालय

साल 2012 के निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले में फांसी की सजा के खिलाफ दोषियों की पुनर्विचार याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

मामले में मृत्युदंड की सजा पा चुके चार दोषियों में से तीन ने सुप्रीम कोर्ट में सजा के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की थी।

जिस पर उच्च न्यायालय ने कहा है कि दोषियों की फांसी की सजा बरकरार रहेगी।

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की खंडपीठ ने आरोपी विनय शर्मा, पवन गुप्ता और मुकेश सिंह की याचिकाओं पर ये फैसला सुनाया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक़ दोषी अक्षय ठाकुर ने पुनर्विचार याचिका दायर नहीं की थी। सुप्रीम कोर्ट ने 4 मई को इस मामले में दोषियों की पुनर्विचार याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा था।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने 2017 के फैसले में दिल्ली हाईकोर्ट और निचली अदालत द्वारा 23 वर्षीय पैरामेडिक छात्रा से 16 दिसंबर 2012 को गैंगरेप और मर्डर के मामले में उन्हें सुनाई गई मौत की सजा को बरकरार रखा था।

आरोपियों में से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। वहीं आरोपियों में एक किशोर भी शामिल था। उसे किशोर न्याय बोर्ड ने दोषी ठहराया था। उसे तीन साल सुधार गृह में रखे जाने के बाद रिहा कर दिया गया।