नारी संघर्ष की दास्तान है, दुनिया की तहरीक

– बड़े-बूढ़ों का लिहाज नहीं करती।

– ज़ोर-ज़ोर से बोलती हैं

– खूब ठठा कर हंसती है।

– कोई फरमाइश जो नापसंद है उसे साहसपूर्वक इंकार करती है।

– लड़की खुद को नियमित व्यायाम, पैदल चल कर और दौड़ते हुए चुस्त रखती है।

 

‘लव जेहादÓ से नहीं

लड़ सकते धर्मांध

यदि मुस्लिम लड़कियों को अपनी पसंद के गैर मुस्लिम लड़के से शादी नहीं करने दी जाती तो यह समुदाय नैतिक तौर पर आरएसएस की ओर से ‘लव जेहादÓ के नाम पर पाखंड के खिलाफ नहीं लड़ सकता।

यह कहना है शेहला राशिद का । हम किसी भी तरह की धर्मांधता और ईशनिदां के खिलाफ मज़बूती से शेहला के साथ हैं। हमारी कामना है कि शेहला इस जोखिम भरे रास्ते पर संघर्ष करें और अपने राजनीतिक मकसदों पर डटी रहें।

हम छात्र हैं जेएनयू के

 

दक्षिण-पूर्व एशिया की यात्रा पर चार महिला मोटर साइकिल सवार

हैदराबाद देश के महत्वपूर्ण शहरों में एक है। साथ ही यहां की बहुल आबादी में संकीर्णता का ज़्यादा फैलाव नहीं है। शिक्षा, व्यापार और विज्ञान में इस शहर के निवासियों ने अपना नाम रोशन किया है। अब यहां की चार लड़कियों ने ‘रोटू मेकांगÓ कार्यक्रम के तहत 16,992 किलोमीटर की दूरी मोटर साइकिलों पर तय करने का मिशन शुरु किया है। ये मोटर साइकिल सवार भारत,म्यांमार, थाईलैंड, लाओस, कंबोडिया, वियतनाम और बांग्लादेश की यात्राएं करते हुए अपना मिशन पूरा करेंगी। इनकी यह यात्रा अभी-अभी तैयार भारत-म्यांमार-थाईलैंड के ‘ट्राइलेटरल हाईवेÓ से दक्षिण पूर्व एशियाई देशों की होगी।

इन महिलाओं में इन की प्रमुख जय भारती, शिल्पा बालकृष्णन, एएसडी शांति और पिया बहादुर है। ‘ रोड टू मेकांगÓ अभियान की शुरूआत इन्होंने 11 फरवरी की दोपहर से शहर की बाहरी इलाके गोलापुडी से की। राज्य व केंद्र के पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने वन टाइम क्षेत्र के कालेश्वर राव मार्केट, पंजा सेंटर, चिट्टी नगर, और प्रकाशन बैरेज पर इन्हें शुभकामनाओं के साथ विदा किया।

अपने इस मिशन के जरिए ये महिलाएं ‘अमूल्य भारतÓ की संस्कृतियों और परंपराओं का भी परिचय देंगी और भारतीय उप महाद्वीव के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत की जानकारी का आदान-प्रदान करेंगी। ये पांच देशों में यूनेस्को की विरासत के 19 स्थलों का भ्रमण भी करेंगी। इनकी इस यात्रा से भारत और एशिया पूर्व एशिया के देशों की महिलाओं में सड़क मार्ग से यात्रा करने में दिलचस्पी बढ़ेगी।