दिनेश खटीक ने आरोप लगाया है कि दलित होने की वजह से उन्हें किसी भी प्रकार की बैठक की सूचना नहीं दी जाती, साथ ही उनकी सुनवार्इ भी नहीं होती। और राज्यमंत्री के अधिकार के तौर पर उन्हें केवल गाड़ी दे दी गर्इ है।
जानकारी के मुताबिक दिनेश खटीक ने ‘नमामि गंगा’ व ‘हर घर जल योजना’ में नियमों की अनदेखी, ट्रांसफर पोस्टिंग में भ्रष्टाचार हो रहा है। मैं दलित समाज से हूं, इसलिए मेरी बात नहीं सुनी जाती। और मेरी अनदेखी से दलित समाज आहत है। मेरा कोई मंत्री के तौर पर अस्तित्व नहीं है साथ ही मुझे मेरे मंत्रालय में हो रहे कार्यों के बारे में बताया जाता है। मैं आहत होकर अपना त्यागपत्र दे रहा हूं।“
आपको बता दें, “उत्तर प्रदेश में विपक्ष के नेता अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि, जहाँ मंत्री होने का सम्मान तो नहीं परंतु दलित होने का अपमान मिले…ऐसी भेदभावपूर्ण भाजपा सरकार से त्यागपत्र देना ही अपने समाज का मान रखने के लिए यथोचित उपाय है। कभी-कभी बुलडोजर उल्टा भी चलता है।“