इस मामले में प्रारंभिक मुद्दा उठा कि क्या 7 न्यायाधीशों की पीठ को मामले को भेजा जाना चाहिए क्योंकि पांच जजों के दो पीठों की राय में मतभेद था। इसके बाद 2 मार्च, 2020 के एक फैसले में, संविधान पीठ ने माना कि अनुच्छेद 370 के तहत जारी राष्ट्रपति के आदेशों को चुनौती देने के मामले को एक बड़ी पीठ को संदर्भित करने की कोई जरूरत नहीं है।
हालांकि, इन याचिकाओं पर 2 मार्च, 2020 के बाद से सुनवाई नहीं हो पाई और कोरोना के चलते अदालत में वर्चुअल सुनवाई शुरू हुई। अब कोर्ट इससे जुड़ी याचिकाओं को ठन्डे बस्ते से बाहर निकालने को राजी हो गया है। पांच जजों की संविधान पीठ के समक्ष याचिकाएं लंबित हैं। याचिकाओं में अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 (ए) को निरस्त करने को चुनौती दी गई है, जिसने 5 अगस्त, 2019 को राष्ट्रपति के आदेश के माध्यम से जम्मू और कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म कर दिया गया था।