चंद महीने के ‘बिना चुने’ मुख्यमंत्री तीरथ विवादों से चर्चा में रहे

उत्तराखंड में चुनाव से ऐन पहले भाजपा ने अपना मुख्यमंत्री बदलकर तीरथ सिंह रावत को कमान सौंपी, पर वह चार महीने भी इसे चला न सके। संवैधानिक संकट और सांसदी का ख्याल रखते हुए फिलहाल आलाकमान ने पिथौरागढ़ के युवा नेता पुष्कर सिंह धामी को कमान सौंपी है। पार्टी को उम्मीद है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में यह नेता शायद कोई कमाल दिखा सके। क्योंकि इससे पहले कोरोना काल में तीरथ सिंह रावत ने शपथ लेने के साथ ही विवादित बयान और फैसलों को लेकर चर्चा में रहे और पार्टी की भी किरकिरी करवाते रहे।

तीरथ रावत को अपनी ही पार्टी के उनसे पहले के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा लिए गए फैसलों को उलटने से शुरू हुआ, जो उन्होंने अपने चार साल तक सत्ता चलाने के दौरान किए थे। आलाकमान ने मार्च में उनसे इस्तीफा दिलवा दिया था। भाजपा नेताओं ने इस बदलाव को त्रिवेंद्र की कथित गलतियों के चलते सही करार देने की कोशिश की थी, लेकिन अब वही नेता किस मुंह से तीरथ रावत को सही करार दे सकेंगे। त्रिवेंद्र की तरह से तीरथ रावत की भी छुट्टी हो चुकी है।
तीरथ सिंह रावत के प्रमुख विवादित   फैसले और बयान
गैरसैंण पर फैसला पलटा
संघ से ताल्लुक रखने वाले तीरथ सिंह रावत ने शपथ ग्रहण के कुछ दिनों बाद, कैबिनेट के फैसले के जरिये गढ़वाल और कुमाऊं के बाद राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को राज्य में तीसरा प्रशासनिक प्रभाग घोषित करने के त्रिवेंद्र के फैसले को निलंबित कर दिया।

तीरथ की कैबिनेट ने इस फैसले के पीछे जन भावनाओं का हवाला दिया था। बता दें कि इससे पहले कुमाऊं क्षेत्र में सत्ता विरोधी लहर उठी थी, जिसमें त्रिवेंद्र के इस्तीफे की मांग तेजी से की गई थी।

चार धाम देवस्थानम बोर्ड की समीक्षा
हरिद्वार कुंभ में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और संतों की अप्रैल में हुई बैठक में तीरथ सिंह रावत ने पिछले साल 15 जनवरी को त्रिवेंद्र द्वारा गठित उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम बोर्ड की समीक्षा की घोषणा की थी। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री सहित चार प्रमुख मंदिरों और कई अन्य मंदिरों को बोर्ड के दायरे में लाया गया। विभिन्न मंदिरों और उनके पुजारी और पंडों और विहिप के सदस्य बोर्ड को खत्म करने और मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की मांग कर रहे थे।

मंत्रिमंडल का विस्तार
12 सदस्यीय राज्य मंत्रिपरिषद में, 2017 में सरकार बनने के बाद से कैबिनेट के दो पद खाले थे और 2019 में वित्त मंत्री प्रकाश पंत की मृत्यु के बाद यह मंत्रालय भी रिक्त हो गया था। विधायकों की बार-बार मांग के बावजूद त्रिवेंद्र ने विस्तार नहीं किया था। कैबिनेट और उनके पास 50 से अधिक विभाग थे। त्रिवेंद्र की जगह नए सीएम तीरथ ने दो दिन बाद मंत्रिपरिषद पूरी की।

महामारी अधिनियम में दर्ज मामले वापस लिए
तीरथ कैबिनेट की पहली ही बैठक में कोविड-19 दिशानिर्देशों के उल्लंघन के लिए महामारी रोग अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत लॉकडाउन के दौरान दर्ज सभी मामलों को वापस लेने का फैसला किया। त्रिवेंद्र शासन के दौरान राज्य भर में लगभग 4,500 ऐसे मामले दर्ज किए गए थे। लॉकडाउन के दौरान लौटे भाजपा कार्यकर्ताओं, कांग्रेस नेताओं और प्रवासी मजदूरों के खिलाफ कई मामले दर्ज थे।

सरकार का सालाना समारोह रद्द किया
तीरथ सरकार ने राज्य में अपनी सरकार के चार साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 18 मार्च को सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में ‘बातें कम काम ज्यादा’ थीम के साथ आयोजित होने वाले समारोहों को रद्द कर दिया था। त्रिवेंद्र ने अपने निर्वाचन क्षेत्र डोईवाला में एक मुख्य कार्यक्रम आयोजित करने की घोषणा की थी जहां केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे। पिछले महीने तीरथ ने अपने कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर एक बुकलेट ‘सेवा, समर्पण और विश्वास के 100 दिन’ जारी की थी।

नियुक्तियों को रद्द करना
तीरथ सरकार ने त्रिवेंद्र द्वारा विभिन्न आयोगों, बोर्डों और निगमों में मंत्री रैंक के साथ अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्य, सलाहकार के रूप में नियुक्त किए गए लोगों को हटाने का फरमान जारी कर दिया। तीरथ ने इन पदों पर नई नियुक्तियां नहीं की।

चार धाम यात्रा
पिछले हफ्ते तीरथ सरकार ने दो चरणों में चार धाम यात्रा शुरू करने के लिए एक कार्यक्रम की घोषणा की थी। कैबिनेट के फैसले पर उत्तराखंड हाईकोर्ट के रोक के बावजूद, सरकार ने यात्रा खोलने का निर्णय 25 जून को लिया था। हालांकि सरकार को बाद में अपना फैसला बदलना पड़ा और कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए चारथाम यात्रा स्थगित कर दी।

मोदी को भगवान राम और कृष्ण जैसा बता डाला
शपथ लेने के चार दिन बाद, रावत ने हरिद्वार में एक कार्यक्रम में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना भगवान राम और कृष्ण से की और कहा कि भविष्य में मोदी की राम और कृष्ण की तरह प्रशंसा की जाएगी। आज मोदी जी के सामने विभिन्न देशों के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री फोटो खिंचवाने के लिए लाइन होते हैं, कब मेरा नंबर आयेगा। पहले यह हाल था कि भहारत का प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति कहं दूर जा के खड़ा होता था। बगल में भटकने भी नहीं देते थे। लाइन में नंबर भी नहीं हो था। आज नया भारत मोदी जी के कारण है। मोदी का चमत्कार है। मैं तो कई बार कहता हूं लोगों को द्वापर में त्रेता में राम-कृष्ण हुए हैं और राम ने भी यही समाज के काम किया था इसलिए लोग भगवान मानने लग गए। आने वाले समय में नरेंद्र मोदी को भी उसी रूप में हम मानने लगेंगे वो काम नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री इस देश के अंदर कर रहा है उसकी जय जयकार। मोदी है तो मुमकिन है।

महिलाओं के जींस पर ‘संस्कारी’ टिप्पणी
तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अपने हवाई सफर का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी बगल में बैठी एक युवती की फटी जींस से उसके मूल्यों पर विवादित बयान दे डाला था। जब उनकी तरफ देखा तो नीचे गमबूट थे, जब और ऊपर देखा तो घुटने फटे थे, हाथ देखे तो कई कड़े थे… बच्चे दो साथ में उनके थे। मैंने कहा बहनजी कहां जाना है…दिल्ली जाना है, हस्बैंड कहां हैं। जेएनयू में प्रोफेसर हैं, तुम क्या करती हो…मैं एक एनजीओ चलाती हूं। एनजीओ चलाती हैं, घुटने फटे दिखते हैं, समाज के बीच में जाती हो, बच्चे साथ में हैं, क्या संस्कार दोगी?

राशन बांटने में बयानबाजी से नहीं चूके
रावत ने कहा कि हर घर में प्रति यूनिट पांच किलो राशन देने का काम किया। जसके 10 थे तो 50 किलो ले गया, 20 थे तो एक क्विंटल ले गया, दो थे तो 10 किलो हिस्से आया। लोगों ने स्टोर बना लिए, खरीदार सामने ढूंढ लिए। इतना बढ़िया चावल आया, कभी सामान्य जीवन के लिए आपने लिया नहीं होगा।