इस मामले में एक नया पहलू सामने आ रहा है, जिसमें राजस्थान पुलिस की मुसीबतें बढऩे वाली हैं। अज्ञात पुलिस अफ़सरों और कर्मियों पर गर्भवती महिला की पिटाई का आरोप है। समय से पहले हो गये प्रसव का यह मामला गम्भीर है। हरियाणा राज्य महिला आयोग के अलावा राष्ट्रीय महिला आयोग ने इसका संज्ञान लिया है। अब जहाँ राजस्थान पुलिस नासिर और जुनैद हत्याकांड के आरोपियों की धरपकड़ तेज़ करेगी। वहीं हरियाणा पुलिस उन लोगों की पहचान में लगेगी, जिन पर गर्भवती महिला का समय से पहले प्रसव करा देने के आरोप है।
दोनों राज्यों की पुलिस में तालमेल की बातें कही जा रही है; लेकिन यह पूरा सच नहीं है। अगर बेहतर तालमेल होता, तो अब तक हरियाणा पुलिस के सहयोग से आरोपियों की धरपकड़ हो जाती वे कोई आदतन अपराधी नहीं, बल्कि गौररक्षा से जुड़े हुए सदस्य है। उम्मीद की जानी चाहिए कि दोहरे हत्याकांड के सभी आरोपियों की गिरफ़्तारी जल्द-से-जल्द हो और उन पर फास्ट ट्रैक अदालत में मामला चले। गौरक्षा के नाम पर ऐसे कृत्य होंगे, तो लोगों का क़ानून व्यवस्था से ही भरोसा उठ जाएगा। सरकारों को गौवंश के सरक्षण के लिए काम करना चाहिए। कट्टर संगठन चाहे वे किसी भी धर्म के क्यों न हो, हैवानियत किसी भी हालत में न करने दी जाए।
महिला आयोग ने लिया संज्ञान
हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया ने गर्भवती कमलेश की पिटाई को संगीन मामला बताते हुए उसे इंसाफ़ दिलाने का भरोसा जताया है। उन्होंने कहा कि वह मामले के आरोपी की पत्नी है। वह पूरे मामले की जाँच करा उसकी रिपोर्ट राज्य के गृहमंत्री अनिल विज को सौंपेगी। कमलेश की सास दुलारी की शिकायत पर हरियाणा पुलिस ने अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कर ली है। इस मामले में कार्रवाई होगी, जिससे राजस्थान पुलिस की संबंधित टीम की मुसीबतें बढऩे वाली हैं। इसी मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने इसे बेहद संगीन मामला बताते हुए विस्तृत जाँच कराने का भरोसा दिया है।
धर्मांधता ठीक नहीं
गौवंश रक्षक संगठनों की सक्रियता के चलते तस्करी के मामले काफ़ी कम हुए हैं लेकिन चोरी छिपे यह काम हो रहा है। संगठन के सदस्य सूचना के बाद देर रात तक भी सक्रिय रहते हैं। पुलिस को सूचना के बाद उनका पूरा सहयोग करते हैं। इसके लिए उन्हें सम्मानित भी किया जाता रहा है।
वे पुलिस की सहयोगी की भूमिका में तो ठीक है; लेकिन क़ानून हाथ में लेकर उन्हें सबक़ सिखाने जैस कृत्य करेंगे, तो इसके दुष्परिणाम निकलेंगे। नासिर और जुनैद जैसा हश्र किसी का न हो। ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो इसकी व्यवस्था की ज़िम्मेदारी सरकार की है। धर्मांधता और कट्टरता की इस धर्मनिरपेक्ष देश में कोई जगह नहीं होनी चाहिए।