क्या करोना भी सयासत की चपेट में है?

भले ही देश के शहरों और गांवों में कोरोना का कहर तेजी से बढ़ रहा हो, पर लोगों में इस बार 2020 जैसा ना तो डर दिख रहा है, ना ही भय। दिल्ली के रेलवे स्टेशनों , बस अड्डों और अस्पतालों तक में भी ज्यादात्तर लोग बिना मास्क के देखें जा सकते है।

गौरतलब है कि कोरोना को लेकर इस बार 2021 में लोगों में सवाल उठ रहे है कि क्या कोरोना भी सियासी हो गया है। क्योंकि कई राज्यों कोरोना बढ़ रहा है। तो जहां पांच राज्यों में चुनाव है वहां पर कोरोना को लेकर कोई चर्चा तक नहीं है। मतलब कोरोना है कि नहीं।

तहलका संवाददाता से हुई बातचीत में दुकानदारों ने कहा कि अब करोना पूरी तरहा सयासी हो गया है । चाय, पानी और राशन की दुकान चलाने वाले जो, बिना डर और भय के बिना मास्क लगाये दुकानदारी कर रहे है उनका मानना  है कि देश में कोरोना पूरी तरह राजनीति की चपेट है। क्योंकि इस बार जो कोरोना का बढ़ता कहर दिखाया जा रहा है।

जीबी पंत अस्पताल के बाहर चाय-पानी की दुकान चलाने वाले दुर्गेश का कहना है कि कोरोना को लेकर सरकार अपनी नाकामी छिपाने का प्रयास कर रही है, देश में गरीबी बढ़ रही है, लोगों के रोजगार छिन रहे है और महगांई बढ़ रही है उस पर सरकार का कोई ध्यान नहीं है। इन मुद्दों से बचने के लिये कोरोना का भय दिखाया जा रहा है। बाजारों में होली के सामानों की बिक्री कम हो रही है पर भीड़ बढ़ रही है। कोरोना गाइड लाइन का कोई पालन नहीं कर रहा है।

रेलवे स्टेशनों में ना तो किसी को सेनेटाइज किया जा रहा है और ना ही मास्क लगाने को बोला जा रहा है। यहां तक की टी. सी तक बिना मास्क है देखे जा रहे है।  दिल्ली से बड़ी संख्या में लोगों का आना –जाना वो भी बिना कोरोना गाइड लाइन के, इससे साफ है कि कोरोना को लेकर इस बार ना तो डर रहे है और ना ही भय में है । बल्कि कोरोना को लेकर विश्वास और अविश्वास में जरूर फंसे है।