किसानों ने गलत जानकारी देने पर मौसम विभाग के खिलाफ कोर्ट जाने की दी चेतावनी

किसानों का कहना है कि मौसम विभाग पर कैसे भरोसा किया जाए। अमेरिका व अन्यत्र मौसम का पूर्वानुमान सटीक होता है और उसी के अनुसार किसान तैयारी करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत में सरकार भारी खर्च कर रही है, लेकिन मौसम के पूर्वानुमान गलत साबित हो रहे हैं।

वहीं, भोपाल मौसम केंद्र के वैज्ञानिकों का कहना है कि किसानों को निजी एजेंसियों व सरकारी एजेंसियों के पूर्वानुमानों से भ्रम हो गया। उन्होंने कहा कि इन आरोपों में कोई सचाई नहीं है। कई जिलों में स्वयंभू मौसमविद पैदा हो गए हैं, वे ऐसे मौसम भविष्यवाणी करते हैं, मानो वे भारतीय मौसम विभाग के प्रतिनिधि हों। उनके कारण भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है।

बैस ने कहा कि मौसम विभाग के गलत पूर्वानुमान के कारण मध्य प्रदेश में किसानों को हुए नुकसान का वह आंकड़ा एकत्र कर रहे हैं और पिछले दो-तीन सालों के गलत पूर्वानुमानों का डाटा भी जुटाया जा रहा है। उन्होंने कहा, आंकड़े जमा करने के बाद हम अगले माह एक बैठक में इस मामले में अदालत में जाने के बारे में फैसला करेंगे। वर्तमान में वह और उसके सहयोगी संगठनात्मक चुनावों में व्यस्त हैं। बैस ने कहा कि उन्होंने भारतीय मौसम केंद्र के गलत पूर्वानुमानों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया था।