बताते चलें, अभी तक लोगों के बीच इस बात पर जोर दिया जाता रहा है कि मधुमेह रोगी और जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। उनको ही कोरोना वायरस अपनी चपेट में ले सकता है। जबकि सच्चाई ये है कि कैंसर रोगी व लीवर रोगियों के लिये भी यह उतना ही घातक है जितना की अन्य बीमारी से जूझ रहे रोगियों के लिए है।
स्वास्थ्य मिशन से जुड़े अधिकारी मधुकर प्रसाद ने बताया कि, अगर ओमिक्रोन वायरस का कहर धीरे-धीरे फैलता है तो वो दिन दूर नहीं जब गांव-गांव में लोग ओमिक्रोन की चपेट आ जायेंगे। उनका कहना है कि आज भी गांवों की स्वास्थ्य सेवायें पूरी तरह से लचर है। लोगों को कई बार बुनियादी स्वास्थ्य सेवायें तक मयस्सर नहीं होती है। जिसके चलते मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता है। इलाज के अभाव में मरीज दम तक तोड़ देते है।