उत्तर प्रदेश ग्राम पंचायत चुनाव की हलचल दिल्ली तक

उत्तर प्रदेश ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर दिल्ली में राजनीतिक माहौल गर्म है। उत्तर प्रदेश के ग्राम पंचायत चुनाव में भाजपा, सपा , बसपा के बीच भले ही मुकाबला नजर आ रहा हो। पर भाजपा इस बार ग्राम पंचायत चुनाव में हर हाल में जीत हासिल करने के लिये जी तोड़ मेहनत कर रही है।

बताते चलें, पिछली साल 2020 में कोरोना के कारण ग्राम पंचायत के चुनाव ना हो सकें थे। इस लिये सत्ता से जुड़े ग्रामीण नेता हर हाल में चुनाव जीतने के लिये उत्तर प्रदेश से लेकर दिल्ली तक राष्ट्रीय नेताओं से संपर्क में है। उत्तर प्रदेश के बांदा जिला के विनीत रावत ने बताया कि अगर भाजपा ने टिकट देकर अपने प्रत्याशी चुनाव में उतारे तो निश्चित तौर पर भाजपा की ऐसिहासिक जीत होगी। विनीत का कहना है कि भाजपा टिकट के दावेंदार लखनऊ और दिल्ली में नेताओं से संपर्क  में है। साथ ही जो मजदूर उत्तर प्रदेश का दिल्ली में दिहाड़ी मजदूरी का काम करता है। उससे वे लगाताकर संपर्क कर रहे है। ताकि मतदान के दौरान गांव ले जाकर अपने पक्ष में वोट करवा सकें।

महोबा जिले  कबरई से आये सपा नेता ने तहलका को बताया कि देश और प्रदेश की राजनीति में गांव वालों की अहम् भूमिका होती है। इस बार का चुनाव कोरोना काल के दौरान हो रहा है। देश में महगांई चरम पर किसानों को पैट्रोल, डीजल मंहगा खरीदना पड़ रहा है । गांव वाले और किसान देश और प्रदेश की सरकार से नाराज है। इस लिहाज से सपा को इस बार ऐतिहासिक जीत मिलेगी।

जबकि ललितपुर  बसपा के नेता चौधरी जीत कुमार ने बताया कि बसपा का जनाधार ही गांव का रहा है। सपा और भाजपा को जनता जान चुकी है। इसलिये ग्रामीण स्तर के जमीनी लोग बसपा पर विश्वास कर रहे है। दिल्ली में तीनों दलों के नेता अपने –अपने नेताओं से संपर्क कर यहां रह रहे लोगों से संपर्क कर रहे है। मजे की बात तो ये है जिन मजदूरों की बात गांव में नहीं होती थी अब वो दिल्ली के पंचसितारा होटल में लंच और डिनर के साथ बात कर रहे है। तभी तो कहते ये राजनीति जो ना कराये वो ठीक है।