आर्थिक और मानसिक समस्या बना रात का कर्फ्यू

कोरोना के बढ़ते मामलों को देखकर लोगों में अजीब सी बैचेनी देखने को मिल रही है। लोगों का कहना है कि महामारी अगर ऐसे ही बढ़ती रही तो वो दिन दूर नहीं जब धंधा-पानी छोड़ अपनी जान बचाने के लिये सोचने को मजबूर होना पड़ेगा। तहलका संवाददाता को दिल्ली और गाजियाबाद – नोएडा के लोगों ने बताया कि रात 10 बजे से लगने वाले दिल्ली के कर्फ्यू ने लोगों को बैचेन करके रख दिया है, अफरा-तफरी वाला माहौल है।

चलों-चलों जल्दी घर चलों की स्थिति बनी हुई है। राधेश्याम पांचाल जो एक सामाजिक कार्यकर्ता के साथ –साथ कोरोना काल में लोगों के बीच हर संभव सहायता के लिये तैयार रहे है। लेकिन अब वो सरकार की कोरोना की आड़ में जनविरोधी नीतियों का विरोध कर रहे है। उनका कहना है कि आधा-अधूरा ज्ञान और सुविधायें लोगों को भ्रमित करती है। जैसा कि आजकल नोएडा और गाजियाबाद की दिल्ली की सीमाओं में देखा जा रहा है। लोग आने-जाने में डर रहे है। कोई कहीं किसी की सुनने का तैयार नहीं है। मास्क ना लगाने से लेकर 10 बजते ही रात में पुलिस का खौंप लोग को बैचेन कर रहा है। डरा रहा है।

नोएडा निवासी नरेन्द्र सिंह का कहना है अजीब सरकारें है। चाहे केन्द्र की  हो या राज्य सरकारें लोगों की परेशानी समझें बिना तुगलकी फरमान जारी कर कोरोना महामारी के नाम पर लोगों को परेशान करने में लगी है। व्यापारिक संस्थायें कमजोर पड़ रही है। व्यापारी सहमें हुये है कि लाँकडाउन की कब सरकार घोषणा ना कर दें। ऐसे में संशय , आशंका और भय लोगों को आर्थिक दृष्टि के साथ-साथ मानसिक दृष्टि से लोगों को कमजोर कर रही है। जो किसी तरह से सही नहीं है।

बतातें चलें कि गाजियाबाद –नोएडा दिल्ली एनसीआर में आता है। ऐसे में लोगों को दिल्ली में आना- जाना एक प्रक्रिया है।कोरोना महामारी के दौर में ज्यादातर बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर दिल्ली में इलाज कराने को आते है। तो उनको दिल्ली में रात 10 बजते ही अपने घरों में जाने के लिये एक कठिन दौर का सामना करना पड़ रहा है।