असम-मेघालय हिंसा: कब तक चलता रहेगा ये अन्याय? – टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी

तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व सांसद अभिषेक बनर्जी ने मंगलवार को असम-मेघालय की सीमा पर हुई हिंसा पर दुख जताते हुए कहा कि, यह घटना मेघालय सरकार की “अयोग्यता” को दर्शाती है। वेस्ट कार्बी आंगलोंग जिले में हुई इस हिंसा में एक वनकर्मी समेत छह लोगों की मौत हो गई थी।

अभिषेक बनर्जी ने सीमा पर हुई इस घटना पर अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए ट्वीट कर कहा कि, “मेघालय के मुक्रोह में हुई बेहद दुर्भाग्यपूर्ण गोलीबारी की घटना से मैं स्तब्ध और बेहद दुखी हूं, जिसमें असम के पांच निर्दोष नागरिकों और एक वन रक्षक की जान चली गई। ”

उन्होंने आगे कहा कि, कब तक सीएम @SangmaConrad @himantabiswa को मेघालय को हल्के में लेने देंगे? कब तक मेघालय के लोगों को डर और असुरक्षा में रहना चाहिए। कब तक यह अन्याय चलेगा। आज की घटना एमडी (मेघालय डेमोक्रेटिक एलायंस) सरकार की अक्षमता को उजागर करती है, अपने ही लोगों को विफल कर रही हैं। “

बता दें पार्टी ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि, “तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा ने जोवाई सिविल अस्पताल में मुकरोह गोलीकांड में जीवित बचे लोगों और मृतकों के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया हैं।“

पार्टी ने ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को टैग कर कहा कि, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा, जिनकी पार्टी भाजपा की सहयोगी है, ने शिकायत की कि असम पुलिस और वन रक्षकों ने मेघालय में प्रवेश किया और अकारण फायरिंग को सहारा लिया।“

आपको बता दें, असम के वन रक्षकों द्वारा कथित तौर पर अवैध रूप से काटी गई लकड़ी से लदे एक ट्रक को रोके जाने के बाद हुई हिंसा में एक वन रक्षक सहित छह लोगों की मौत हो गई थी। मारे गए छह लोगों में पांच मेघालय के निवासी थे और एक असम फॉरेस्ट गार्ड है।

वहीं असम पुलिस के अधिकारियों ने दावा किया है कि ट्रक को वन विभाग की टीम द्वारा राज्य के पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले में रोका गया था और मेघालय की ओर से एक भीड़ ने बाद में राज्य के वन रक्षकों और पुलिसकर्मियों पर हमला किया जिसके कारण पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी।