अमरिंदर की अब रिटायरमेंट की उम्र, वे युवा नेताओं का मार्गदर्शन करें : बिट्टू; चन्नी को सीएम बनाना सही : जाखड़

पंजाब में अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री पद गंवाने के बाद अकेले पड़ रहे हैं। खासकर अमरिंदर सिंह के राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के खिलाफ ब्यान के बाद उनके अपने करीबी भी उनके कन्नी काटने लगे हैं। उनके करीबी रहे लुधियाना के सांसद रवनीत सिंह बिट्‌टू ने शनिवार को कैप्टन पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि अमरिंदर सिंह अब 80 साल के हो चुके हैं और रिटायरमेंट की इस उम्र में उन्हें युवा नेताओं का मार्गदर्शन करना चाहिए। उधर वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़, जिन्हें नाराज बताया जा रहा था उन्होंने चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाने के फैसले को सही करार दिया है। जाखड़ चंडीगढ़ से राहुल-प्रियंका गांधी के साथ ही विमान से दिल्ली गए थे।

सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने तो अमरिंदर सिंह को एक तरह से राजनीति से संन्यास लेने जैसी ही सलाह दे दी है। भले कैप्टन के बागी तेवर बरकरार हैं और उनके भाजपा में जाने के कयास भी लग रहे हैं, आलाकमान के उनके  बनने से उनके सहयोगी भी उनसे कटने लगे हैं। इनमें बिट्टू भी एक हैं, जिन्हें खुद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में माना जाता  रहा है।

बिट्टू ने शनिवार को कहा – ‘अमरिंदर अब 80 साल के हो चुके हैं। रिटायरमेंट की उम्र में उन्हें अब हमारे जैसा नेताओं का मार्गदर्शन करना चाहिए। कैप्टन जब पार्टी के प्रधान और मुख्यमंत्री बने थे तो राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष और प्रियंका गांधी महासचिव थीं। उन्होंने ही कैप्टन को यह अवसर दिए।’ बिट्टू ने कहा कि 45 साल तक कैप्टेन गांधी परिवार के नेतृत्व में ही कांग्रेस में रहे। उन्हें सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के बारे में ऐसे बात नहीं कहनी चाहिए।

यही नहीं बिट्‌टू ने कहा – ‘जब कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब प्रदेश कांग्रेस पार्टी के प्रधान और मुख्यमंत्री रहे तो सब उनके साथ थे। अब जिसके पास सत्ता है, पार्टी के नेता वहीं जाएंगे। कैप्टन से गुजारिश है कि इस तरह की बयानबाजी में कुछ नहीं रखा। गुस्सा आता है, लेकिन उसे शांत और ठंडा रखना चाहिए। कैप्टन से मिलकर हम इस पर बात करेंगे।’

उधर पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़, जिनके बारे में मीडिया में यह कयास लगाए जा रहे थे कि वे मुख्यमंत्री न बनाए जाने के कारण नाराज हैं, ने आज कहा कि चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाने के आलाकमान के फैसले को सही कहा है। उन्होंने कहा – ‘यह राहुल गांधी का फैसला है और उन्होंने सिख परम्पराओं को पूर्ण सम्मान देते हुए यह फैसला किया है जिसका व्यापक स्वागत भी हुआ है। उन्होंने कहा – ‘विपक्षी जब इसपर टिप्पणियां कर रहे थे तो वे पेड़ों की गिनती करते हुए जंगल को मिस कर रहे थे।’

कैप्टेन के राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर टिप्पणी करने के बाद कांग्रेस के नेता पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ सक्रिय हो गए हैं। यहाँ तक की दिल्ली में राष्ट्रीय नेता भी  अमरिंदर सिंह को लेकर तल्ख़ शब्दों का इस्तेमाल करने लगे हैं। इससे जाहिर होता है कि अमरिंदर सिंह के प्रति दिल्ली में भी सहानुभति रखने वाला कोई नेता नहीं रह गया।