पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बैठक में अपने देश का प्रतिनिधित्व किया। याद रहे पाकिस्तान तालिबान का समर्थन कर रहा है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख विदेश से काबुल जाने वाले पहले प्रतिनिधि हैं।
बैठक से जाहिर होता है कि ज्यादातर देश इन्तजार करो और देखो की रणनीति अपनाना चाहते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक बैठक में ज़्यादातर विदेश मंत्रियों ने नए तालिबानी शासन के दावों के विपरीत वहां हो रही घटनाओं पर चर्चा की। यहाँ यह बताना दिलचस्प है कि अफगानिस्तान में महिलाएं और अन्य लोग तालिबान और उसे पाकिस्तान के समर्थन के कारण दोनों का विरोध कर रहे हैं।